बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता प्रारंभिक परीक्षा को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पेपर लीक होने का आरोप इस परीक्षा पर मंडराता नजर आ रहा है। यह खबर न केवल अभ्यर्थियों में गुस्सा और निराशा का कारण बनी, बल्कि राज्यभर में हंगामा खड़ा कर दिया है। पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर हुए हंगामे के बाद अब प्रशासन और आयोग ने इस मामले पर जांच बैठा दी है।
आइए, इस ब्लॉग में विस्तार से समझते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है, क्या वाकई पेपर लीक हुआ है, और इस विवाद से जुड़ी ताजा अपडेट क्या है।
क्या है BPSC 70वीं परीक्षा पेपर लीक का मामला?
70वीं संयुक्त प्रतियोगिता प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 12 दिसंबर 2024 को बिहार के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर किया गया। यह परीक्षा लाखों उम्मीदवारों के लिए सरकारी नौकरियों का सपना पूरा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर थी।
हालांकि, पटना के बापू परीक्षा केंद्र से परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही यह आरोप लगाया गया कि पेपर लीक हो गया है। परीक्षा केंद्र के बाहर बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
छात्रों के आरोप
- सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो गया था।
- कुछ व्हाट्सएप ग्रुप्स पर कथित रूप से पेपर के सवाल वायरल हो गए।
- छात्रों ने आयोग और प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
जांच में क्या निकला? प्रशासन की प्रतिक्रिया
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने मामले की जानकारी मिलने के तुरंत बाद बापू परीक्षा केंद्र का दौरा किया। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और अभ्यर्थियों को शांत कराया।
डीएम का बयान
डीएम ने कहा:
"फिलहाल पेपर लीक होने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्न पत्र और वास्तविक प्रश्न पत्र की जांच की जा रही है।"
BPSC का बयान
बिहार लोक सेवा आयोग ने इस विवाद को गंभीरता से लिया है और अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई है। आयोग ने साफ किया है कि:
- यदि पेपर लीक का आरोप सही पाया गया, तो परीक्षा को रद्द किया जा सकता है।
- मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
पेपर लीक के विवादों का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब BPSC जैसी बड़ी परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी बिहार में कई प्रतियोगी परीक्षाओं में इस तरह के विवाद हुए हैं।
- 2021 में BPSC 67वीं परीक्षा में भी पेपर लीक का मामला सामने आया था।
- कई बार परीक्षाओं में सेंधमारी, अनुचित साधनों का उपयोग और प्रशासन की लापरवाही ने बिहार की परीक्षा प्रणाली की छवि पर सवाल खड़े किए हैं।
छात्रों की मांगें और नाराजगी
इस विवाद के चलते छात्रों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
- पारदर्शिता की मांग: छात्रों का कहना है कि आयोग को इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरतनी चाहिए।
- परीक्षा रद्द करने की मांग: कुछ छात्रों ने परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजन की मांग की है।
- दोषियों पर कार्रवाई: अगर पेपर लीक का मामला सच साबित होता है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
क्या हो सकते हैं संभावित परिणाम?
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परीक्षा रद्द
यदि जांच में यह साबित होता है कि पेपर लीक हुआ है, तो परीक्षा को रद्द किया जा सकता है। इससे लाखों छात्रों को फिर से परीक्षा देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। -
जांच और सख्त कदम
अगर आरोप झूठे पाए जाते हैं, तो प्रशासन को ऐसी अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। -
आयोग की छवि पर असर
यह विवाद BPSC की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है। छात्रों का विश्वास बहाल करना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
पेपर लीक विवाद का समाज पर प्रभाव
इस तरह की घटनाएं न केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करती हैं, बल्कि समाज में सरकारी संस्थानों के प्रति अविश्वास भी पैदा करती हैं। ऐसे विवाद योग्य उम्मीदवारों के मनोबल को गिराते हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की साख को नुकसान पहुंचाते हैं।
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निष्कर्ष: क्या होगा आगे?
BPSC 70वीं परीक्षा का पेपर लीक हुआ या नहीं, इसका फैसला जांच के बाद ही हो पाएगा। फिलहाल, छात्रों को धैर्य रखना चाहिए और प्रशासन तथा आयोग को निष्पक्षता से जांच पूरी करने का समय देना चाहिए।
इस विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार जैसे राज्य में परीक्षा प्रणाली को मजबूत और पारदर्शी बनाना समय की मांग है। जब तक ऐसा नहीं होगा, प्रतिभाशाली छात्रों के भविष्य पर ऐसे विवादों का साया मंडराता रहेगा।
क्या आप इस मामले पर अपनी राय देना चाहेंगे? हमें कमेंट में बताएं!
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