भारतीय क्रिकेट ने समय-समय पर ऐसे युवा सितारे देखे हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत से क्रिकेट की दुनिया में एक अलग पहचान बनाई। ऐसा ही एक नाम है अंशुल कंबोज, जिनकी कहानी संघर्ष, समर्पण, और कड़ी मेहनत का जीवंत उदाहरण है। हाल ही में, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 की नीलामी में अंशुल ने तब सुर्खियां बटोरीं जब चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने उन्हें ₹3.4 करोड़ की भारी कीमत पर अपनी टीम में शामिल किए।
नीलामी का हाई-ड्रामा
अंशुल कंबोज, जिनकी बेस प्राइस महज ₹20 लाख थी, पर शुरुआत में दिल्ली कैपिटल्स ने बोली लगाई। इसके बाद मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच गहमागहमी बढ़ी, और इस संघर्ष ने उनकी कीमत को ₹3 करोड़ के पार पहुंचा दिया। अंततः, चेन्नई सुपर किंग्स ने इस होनहार गेंदबाज को अपने खेमे में लाकर भविष्य के लिए एक बड़ा दांव खेला।
यह अंशुल के लिए सिर्फ एक आर्थिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि उनके हुनर की कदर और विश्वास का प्रतीक भी है।
हरियाणा के मैदानों से लेकर IPL तक का सफर:
अंशुल कंबोज हरियाणा के छोटे से कस्बे से आते हैं, जहां क्रिकेट एक शौक से बढ़कर कुछ नहीं था। लेकिन इस युवा ने अपनी मेहनत और क्रिकेट के प्रति जुनून से खुद को साबित किया।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट:में हरियाणा के लिए डेब्यू करते हुए, अंशुल ने 2022 रणजी ट्रॉफी में अपनी छाप छोड़ी। उनके शानदार 10/49 के आंकड़े ने उन्हें राष्ट्रीय ध्यान में ला दिया।
घरेलू क्रिकेट में उनकी कामयाबी की वजह से उन्हें 2024 में मुंबई इंडियंस का हिस्सा बनने का मौका मिला। हालांकि, उन्हें वहां ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन उन्होंने हर अवसर को सीखने और खुद को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल किया।
अंशुल का प्रदर्शन 2024-25 घरेलू सत्र में और निखरा, जब उन्होंने दलीप ट्रॉफी में आठ विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार जीता।
ऑलराउंड कौशल: गेंदबाज में छिपा बल्लेबाज
अंशुल के खेल का एक हिस्सा गेंदबाजी है, लेकिन भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों जैसे उनका आत्मविश्वास और निपटकर उनकी तकनीक बल्लेबाज़ी में भी झलकती है। क्योंकि उसके बल्लेबाज़ी आँकड़े अभी विकसित नहीं हैं, लेकिन पृथक गेंदबाज़ी के रूप में एक ऑलराउंडर के रूप में आप वह एक नई ताकत बन सकती है चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आने वाले वह वर्षो में .
गेंदबाज़ी आँकड़े
-
प्रथम श्रेणी: 57 विकेट (3.12 की इकॉनमी))
प्रथम श्रेणी: 23 विकेट
टी20: 19 विकेट (8.18 इकॉनमी)
बल्लेबाजी आँकड़े
प्रथम श्रेणी: 368 रन
टी20: सीमित अवसरों के बावजूद, छोटे स्कोर में भी उपयोगी योगदान
अंशुल का बेहतरीन क्षेत्ररक्षण उनकी बहुआयामी प्रतिभा को और मजबूत बनाता है।
चेन्नई सुपर किंग्स: अनुभव और संभावनाओं का मेल
चेन्नई सुपर किंग्स हमेशा से युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का बेहतरीन संतुलन बनाने के लिए जानी जाती है। अंशुल कंबोज को शामिल करके, CSK ने अपने गेंदबाजी आक्रमण में गहराई और विविधता जोड़ी है।
अंशुल को महेंद्र सिंह धोनी जैसा वह दिग्गज मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इन्होंने युवा खिलाड़ियों को आत्मविश्वास और उच्च प्रदर्शन की ऊंचाई तक ले जाने की अपनी कला साबित की है। वे अंशुल की प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
"एक सपना जो हकीकत बना"
23 वर्षीय अंशुल कंबोज का आईपीएल की चमक-धमक में आना उस लड़के के लिए एक सपने के सच होने जैसा है, जिसने हरियाणा के dusty मैदानों पर अपना सफर शुरू किया था। उनकी कहानी सिर्फ उनके कौशल की नहीं, बल्कि उनके जुनून और धैर्य की भी है।
जब अंशुल ने रणजी ट्रॉफी में 10 विकेट झटके, तब शायद उन्होंने खुद नहीं सोचा था कि कुछ ही महीनों में वह एक बड़ी IPL टीम का हिस्सा बनेंगे।
मास टू फ्यूचर
अंशुल कंबोज भारतीय क्रिकेट का भविष्य हो सकते हैं। उन्होंने अपने खेल से यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा के साथ मेहनत और धैर्य हो तो सफलता किसी भी स्तर पर पाई जा सकती है।
चेन्नई सुपर किंग्स के पीले जर्सी में उनके प्रदर्शन को देखने के लिए क्रिकेट प्रेमी बेताब हैं। अंशुल की सफलता न सिर्फ उनकी मेहनत का फल है, बल्कि यह युवा क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणा है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने देखे और पूरे किए जा सकते हैं।
"जब आप हर गेंद को अपने करियर की आखिरी गेंद समझकर डालते हैं, तो सफलता आपके कदम चूमती है।" – अंशुल का यह आत्मविश्वास निश्चित ही उन्हें भारतीय क्रिकेट में बड़ा नाम बनाने की दिशा में ले जाएगा।
अंशुल कंबोज, जिनकी बेस प्राइस महज ₹20 लाख थी, पर शुरुआत में दिल्ली कैपिटल्स ने बोली लगाई। इसके बाद मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच गहमागहमी बढ़ी, और इस संघर्ष ने उनकी कीमत को ₹3 करोड़ के पार पहुंचा दिया। अंततः, चेन्नई सुपर किंग्स ने इस होनहार गेंदबाज को अपने खेमे में लाकर भविष्य के लिए एक बड़ा दांव खेला।
यह अंशुल के लिए सिर्फ एक आर्थिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि उनके हुनर की कदर और विश्वास का प्रतीक भी है।
हरियाणा के मैदानों से लेकर IPL तक का सफर:
अंशुल कंबोज हरियाणा के छोटे से कस्बे से आते हैं, जहां क्रिकेट एक शौक से बढ़कर कुछ नहीं था। लेकिन इस युवा ने अपनी मेहनत और क्रिकेट के प्रति जुनून से खुद को साबित किया।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट:में हरियाणा के लिए डेब्यू करते हुए, अंशुल ने 2022 रणजी ट्रॉफी में अपनी छाप छोड़ी। उनके शानदार 10/49 के आंकड़े ने उन्हें राष्ट्रीय ध्यान में ला दिया।
घरेलू क्रिकेट में उनकी कामयाबी की वजह से उन्हें 2024 में मुंबई इंडियंस का हिस्सा बनने का मौका मिला। हालांकि, उन्हें वहां ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन उन्होंने हर अवसर को सीखने और खुद को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल किया।
अंशुल का प्रदर्शन 2024-25 घरेलू सत्र में और निखरा, जब उन्होंने दलीप ट्रॉफी में आठ विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार जीता।
ऑलराउंड कौशल: गेंदबाज में छिपा बल्लेबाज
अंशुल के खेल का एक हिस्सा गेंदबाजी है, लेकिन भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों जैसे उनका आत्मविश्वास और निपटकर उनकी तकनीक बल्लेबाज़ी में भी झलकती है। क्योंकि उसके बल्लेबाज़ी आँकड़े अभी विकसित नहीं हैं, लेकिन पृथक गेंदबाज़ी के रूप में एक ऑलराउंडर के रूप में आप वह एक नई ताकत बन सकती है चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आने वाले वह वर्षो में .
गेंदबाज़ी आँकड़े
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प्रथम श्रेणी: 57 विकेट (3.12 की इकॉनमी))
प्रथम श्रेणी: 23 विकेट
टी20: 19 विकेट (8.18 इकॉनमी)
बल्लेबाजी आँकड़े
प्रथम श्रेणी: 368 रन
टी20: सीमित अवसरों के बावजूद, छोटे स्कोर में भी उपयोगी योगदान
अंशुल का बेहतरीन क्षेत्ररक्षण उनकी बहुआयामी प्रतिभा को और मजबूत बनाता है।
चेन्नई सुपर किंग्स: अनुभव और संभावनाओं का मेल
चेन्नई सुपर किंग्स हमेशा से युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का बेहतरीन संतुलन बनाने के लिए जानी जाती है। अंशुल कंबोज को शामिल करके, CSK ने अपने गेंदबाजी आक्रमण में गहराई और विविधता जोड़ी है।
अंशुल को महेंद्र सिंह धोनी जैसा वह दिग्गज मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इन्होंने युवा खिलाड़ियों को आत्मविश्वास और उच्च प्रदर्शन की ऊंचाई तक ले जाने की अपनी कला साबित की है। वे अंशुल की प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
"एक सपना जो हकीकत बना"
23 वर्षीय अंशुल कंबोज का आईपीएल की चमक-धमक में आना उस लड़के के लिए एक सपने के सच होने जैसा है, जिसने हरियाणा के dusty मैदानों पर अपना सफर शुरू किया था। उनकी कहानी सिर्फ उनके कौशल की नहीं, बल्कि उनके जुनून और धैर्य की भी है।
जब अंशुल ने रणजी ट्रॉफी में 10 विकेट झटके, तब शायद उन्होंने खुद नहीं सोचा था कि कुछ ही महीनों में वह एक बड़ी IPL टीम का हिस्सा बनेंगे।
मास टू फ्यूचर
अंशुल कंबोज भारतीय क्रिकेट का भविष्य हो सकते हैं। उन्होंने अपने खेल से यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा के साथ मेहनत और धैर्य हो तो सफलता किसी भी स्तर पर पाई जा सकती है।
चेन्नई सुपर किंग्स के पीले जर्सी में उनके प्रदर्शन को देखने के लिए क्रिकेट प्रेमी बेताब हैं। अंशुल की सफलता न सिर्फ उनकी मेहनत का फल है, बल्कि यह युवा क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणा है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने देखे और पूरे किए जा सकते हैं।
"जब आप हर गेंद को अपने करियर की आखिरी गेंद समझकर डालते हैं, तो सफलता आपके कदम चूमती है।" – अंशुल का यह आत्मविश्वास निश्चित ही उन्हें भारतीय क्रिकेट में बड़ा नाम बनाने की दिशा में ले जाएगा।
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